एक बहुत ही पुरानी बात हैं, एक गाँव में एक व्यक्ति रहता था। उसके पास एक खेत था और वह उस खेत में अनाज उगाता था और किसी-न-किसी तरह अपने परिवार का पालन पोषण करता था। उस इंसान ने बचपन से ही गरीबी देखी थी। उसके जो माता-पिता थे वो भी काफी गरीब थे और वह हमेशा से ही गरीबी में ही रहता आया था, इसी गरीबी के कारण वह धीरे धीरे परेशान रहने लगा।
क्योकि, अब उसके जो बच्चे थे वो भी बड़े हो रहे थे। उनकी फ़ीस के खर्चे, किताबों के खर्चे, कपड़ों के खर्चे बढ़ते ही जा रहे थे और फिर घर का भी खर्च और फिर ऊपर से महंगाई भी बढ़ती जा रही थी। वो अक्सर सोचता था कि जीवन जीना कितना कठिन है एक समस्या ख़त्म नहीं होती और दूसरी शुरू हो जाती है तो वो कभी-कभी ऐसा सोचता था की मेरी पूरी जिंदगी क्या ऐसे ही समस्याओं को हल करने में ही निकल जायेगी? पर ये समस्याएं हल ही नहीं होगी और इसी तरह से ये समस्यां चलती रहेंगी।